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सी.जी.एम.एस क्या है ?
सी.जी.एम.एस का मतलब लगातार ग्लूकोज़ अवलोकन तंत्र या टेस्ट सिस्टम (CGMS,Continuous Glucose Monitor System) | इसमें एक छोटा सूचक(Sensor) होता है, जिसे लगातार 1 सप्ताह के लिए त्वचा के अंदर लगाए रखना पड़ता है | यह त्वचा के नीचे शारीरिक स्राव(TissueFluid) में ग्लूकोज की मात्रा को नापता है | अगर आप अपने ग्लूकोज की मात्रा दिन में 2 से 3 बार अपने सामान्य रक्त ग्लूकोज़ मीटर से नापते हैं एवं सी.जी.एम.एस यंत्र में अंकित करते रहते हैं तो इस प्रकार CGMS यंत्र से 24 घंटे में किसी भी क्षण, बिना फिर से उंगली मेंसुई चुभाये,रक्त शुगर की मात्रा देख सकते हैं | आप इसमें अलार्म(Alarm) भी लगा सकते हैं, जो लो शुगर होने की दशा में बजेगा | इस समय इस इस यंत्र का मूल्य अधिक है | कृपया अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
संक्षिप्त व्याख्या :
1. Type -1 मधुमेह में मुख्यता प्रतिदिन इंसुलिन का टीका लगाना आवश्यक है | Type -2 मधुमेह में भी डायबिटीज के कुछ सालों बाद इंसुलिन की आवश्यकता पड़ जाती है |
2. इंसुलिन दो प्रकार के होते हैं- पहला जिसका प्रभाव थोड़ी देर तक रहता है और दूसरा जिसका प्रभाव अधिक समय तक बना रहता है |
3. इंसुलिन का नाप यूनिट में किया जाता है | भारत में इंसुलिन दो प्रकार के नाप में मिलते हैं 40 यूनिट प्रति एम.एल और 100 यूनिट प्रति एम. एल | 40 यूनिट इंसुलिन के साथ 40 यूनिट की सिरिंज लीजिए ।
4. जहां तक संभव हो इंसुलिन को फ्रिज में ही रखना चाहिए | यदि ऐसा संभव ना हो तो इसे छायायुक्त ठंडे स्थान पर भी कपड़े से लपेट कर रखना चाहिए |
5. इंजेक्शन को एक ही स्थान पर बार-बार नहीं लगाना चाहिए |
6. बीमारी के दिनों में इंसुलिन कभी बंद ना करें , बल्कि अतिरिक्त (ज्यादा) मात्रा में लेना पड़ सकता है |
7. एक ही इन्सुलिन सिरिंज को 2-3 बार से अधिक प्रयोग ना करें | सुई की नोक मंद होने के कारण अधिक दर्द हो सकता है |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1.क्या टाइप 2 डायबिटीज ग्रस्त हर मरीज को दवा लेना जरूरी है ?
पहली बार डायबिटीज का निदान होने पर तुरंत दवा की जरूरत नहीं | क्योंकि स्वस्थ संतुलित भोजन व्यायाम और वजन घटाने से आपके रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम हो सकता है | अगर ऐसा करने से फायदा ना हो तो बीमारी के बढ़ने के साथ-साथ आपको दवा की जरूरत पड़ सकती है |
2. यदि मैं अपनी दवा की एक खुराक लेना भूल जाऊं तो मुझे क्या करना चाहिए ?
आपको डॉक्टर के निर्देश अनुसार नियमित रूप से दवा लेनी बहुत जरूरी है पर यदि आप कभी दवा की खुराक लेना भूल जाएं तो इसकी दोगुनी खुराक कभी ना लें इसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं |
3. क्या मैं अपनी दवा का समय बदल सकता हूं ?
आप अपनी दवा लेने का समय नहीं बदल सकते हर दवा का अपना खास असर/प्रभाव होता है और इसलिए इसे अपने निर्धारित समय पर ही लेना चाहिए |
4. लक्ष्य प्राप्त हो जाए तो क्या दवा या इंसुलिन लेना पूरी तरह बंद किया जा सकता है?
दवाओं का उपयोग डायबिटीज मरीज के रक्त में ग्लूकोज स्तर पर नियंत्रण रखने के लिए किया जाता है |
यह शरीर में मौजूद डायबिटीज के असली कारण का उपचार नहीं है | बहरहाल जीवनशैली या आदतों में परिवर्तन करके लोग टॉमी दवाओं की खुराक में परिवर्तन किया जा सकता है और कई बार इन्हें पूरी तरह बंद करने की सिफारिश भी की जा सकती है लेकिन ऐसा केवल डॉक्टर की सलाह और देखरेख में ही किया जाना चाहिए |
5. इंजेक्शन ली गई तो त्वचा पर मुझे सूजन हो जाती है क्या यह इंसुलिन का विपरीत प्रभाव है ?
यदि आप सही तरीके से इंसुलिन इंजेक्शन नहीं लेते या एक ही जगह पर बार-बार इंजेक्शन लेते हैं तो आपको सूजन हो सकती | यह विपरीत प्रभाव नहीं आप सही तरीके से इंजेक्शन लेना सीखें |
6. यदि इंसुलिन को ठंडी जगह पर ना रखा जाए तो क्या होगा ?
यदि इंसुलिन को बताए गए तापमान से अधिक या कम तापमान पर लंबे समय तक रखा जाए तो इसकी पोटेंसी या शक्ति कम हो जाती है | इंसुलिन की कार्य क्षमता खत्म हो जाती है और वापस नहीं आती | इससे इंसुलिन की गुणवत्ता भी प्रभावित हो जाती है |